आकाश का नीला रंग मन को लुभाता है। जी चाहता है, पंछियों की तरह उड़कर उसकी ऊंचाई को छू लूं! ऐसे ही अनंत आकाश में खुशियों के रंग भर देते हैं - एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस इंजीनियर। आज के भावी इंजीनियरों की इसमें गहरी अभिरुचि है। नीले आकाश में उड़ने का रोमांच इन्हें बरबस अपनी ओर खींच लेता है। औद्योगिक क्षेत्र में मिलिट्री और सिविल के परस्पर सामंजस्य से यह क्षेत्र अब और भी आकर्षक बन गया है।
आज टीसीएस, सत्यम, इंफोसिस और केड्स जैसी मशहूर कंपनियां इसके डिजाइन निर्माण में कदम रख चुकी हैं। इसके पूर्व इस क्षेत्र में रिसर्च का सारा कार्य सरकार ही संभालती थी। यह कार्य डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट के माध्यम से होता था।
उदार आर्थिक नीति के फलस्वरूप अब प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसमें काफी अभिरुचि ले रहीं हैं। भारत में जीई, बोइंग और श्लंबर्जर के रिसर्च सेंटर खुल चुके हैं। इनमें शोध के लिए एमटेक/पीएचडी के कोर्स भी कराए जाते हैं। इनसे प्रशिक्षित नए प्रोफेशनल्स आकाश के सूनेपन में रंग भरने को बेताब हैं।
क्या है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
सैटेलाइट, लांच वेहिकल, स्पेस सिस्टम और मिसाइल की सूक्ष्म प्रक्रियाओं का अध्ययन है -एयरोस्पेस इंजीनियरिंग। इसमें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के साथ एयरक्राफ्ट हेलीकॉप्टर और इससे संबंधित अन्य गतिविधियों का सूक्ष्म ज्ञान भी दिया जाता है।
प्रवेश प्रक्रिया
10+2 पीसीएम ग्रुप के बाद विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम में से किसी एक में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
इन एंट्रेंस एग्जाम में प्रमुख हैं -आईआईटी, एआईईई, पीईटी, गेट आदि। 4 वर्षीय प्रशिक्षणोपरांत बीटेक की डिग्री मिलती है।
Graduate Level (BE/B.Tech)
- The Indian Institute of
Aeronautics (IIA) Entrance Exam
- Delhi University
Combined Entrance Examination (CEE)
- Hindustan University
Entrance Test (HITSEE)
- All India Engineering/
Architecture Entrance Examination (AIEEE)
- IISAT Admission Test
(IIST, Thiruvananthapuram)
- SLIET Entrance Test
(SET)
- SRM Engineering Entrance
Examination (SRM EEE) Admissions
- JEE (Joint Entrance
Exam) conducted by the IIT’s.
Postgraduate Level (ME/M.Tech)
- Graduate Aptitude Test
in Engineering (GATE)
- Punjab Engineering
college PhD Entrance exam
- Sathyabama University ME
Entrance Exam
प्रशिक्षण का स्वरूप
इस कोर्स के अंतर्गत प्रशिक्षु को डिजाइन मैन्युफैक्चररिंग, वैलिडेशन, एयरोनॉटिक्स और इसकी टेक्नोलॉजी की सूक्ष्म संरचना के साथ ही टेस्टिंग की प्रविधि बताई जाती है। रॉकेट, स्पेसक्राफ्ट तथा हेलीकॉप्टर का निर्माण, परीक्षण, विश्लेषण और फ्लाइट वेहिकल का संचालन भी सिखाया जाता है।
इसके अतिरिक्त फ्लड डायनामिक्स, मैटेरियल साइंस, स्ट्रक्चरल एनालिसिस, प्रोपल्शन, ऑटोमेटिक कंट्रोल, गाइडेंस तथा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की व्यापक जानकारी दी जाती है। ट्रेनी ग्रेजुएट को 2 वर्षों बाद डिजाइन इंजीनियर का काम सिखाया जाता है। पुनः डेढ़ वर्षो तक टेक्नोलॉजी, डोमेन एंड इंडस्ट्री, सीएमआईआई और क्वालिटी प्रोसेस का प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके बाद एयरोस्पेस और डिफेंस, आटोमोटिव या प्रोसेस और स्पेशल मैन्युफैक्चरिंग में काम का सुअवसर मिल जाता है।
Syllabus in Aerospace Engineering
- Mathematics
- Airframe, Power Plant
& Systems
- Airworthiness & Air
Regulations
- Mechanics of Fluids
- Quality Control &
Metrology
- A/T Control, Aerodynamics
& Air Routes
- Mechanics of Solids
- Airworthiness & Air
Regulations
- Air Nevigation
- Thermodynamics
Engineering
- Production Planning
& Control for Maintenance
- Electronics, Navigation
& Systems
- Electrical Engineering
- Avoinics
- Principles of Flights
- Maintenance of Airframe
& System
- Maintenance of Avionics
- Workshop Technology
- Maintenance of Avionics,
Instruments & System
- Quantitative Methods
- Industrial Management
& Engineering Economics
अवसर है अपार
अगर प्रशिक्षु में कार्य करने की चाहत हो तो बड़ी-बड़ी कंपनियों में अवसर की कोई कमी नहीं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरु; हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, इंडियन स्पेस आर्गेनाईजेशन, डीआरडीओ, सिविल एविएशन डिपार्टमेंट, एयर इंडिया, इसरो टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, महिद्रा एयरोस्पेस, तनेजा एयरोस्पेस, एलएंडटी, सैमटेल एवियोनिक्स, पवन हंस हेलीकॉप्टर्निस, एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट और नेशनल एयरोस्पेस लैब्स जैसे प्रमुख संस्थान कार्य करने का बेहतर मौका देते हैं। इसके अलावा विंड टनल टेस्टिंग, गैस टरबाइन इंजन प्रोपल्शन, रॉकेट प्रोपल्शन, हाइब्रिड नेविगेशन, एवियोनिक्स और सेंसर, हार्ट स्ट्रक्चर्स तथा फ्लाइट इंस्ट्रूमेंटेशन में भी काम करने के सुनहरे मौके हैं।
Aerospace Engineering Recruiters
- Airlines
- Air Force
- Government Research
- Corporate Research
- Helicopter companies
- Fixed Wing Aircrafts
- Defence Ministry
- Missiles
- Airships
- Aviation Companies
- Satellites
- Space Shuttles
- Space crafts
- Astronaut
बर्तमान परिदृश्य
हमारे देश में प्रतिवर्ष लगभग 1000 एयरोस्पेस इंजीनियर बनते हैं। इस क्षेत्र में जबकि जरूरत इससे कई गुना अधिक लगभग 10000 के बराबर है। डिजाइन, रिसर्च और मेंटेनेंस के क्षेत्र में अवसर की प्रचुरता है। इसके अलावा पॉलिसी मेकिंग और एडमिनिस्ट्रेशन में भी रोजगार के अनगिनत अवसर हैं।
कितनी होगी सैलरी
प्रारंभ में निजी कंपनियां 6 से 7लाख तक सालाना पैकेज देती है। 10 वर्ष के कार्यानुभव के उपरांत यह 20 लाख रुपए से अधिक हो सकता है।
कुछ पाठनीय पुस्तकें
- Flight Stability and Automatic Control -Nelson, RC
- Aerodynamics, Aeronautics and flight mechanics -McCormick
- Aircraft Structures -Perry, D.J. and Azar, J.J.
- Aircraft Design : A Conceptual Approach -by Don Raymer
- Aircraft Stress Analysis and Sizing -by Michael Niu
- Aircraft Propulsion -Saeed Farokhi
- Mechanics and thermodynamics of propulsion -Philip Hill
- Compressible Fluid Flow -Patric H. Oosthuizen
- System Dynamics -William J. Palm III
- Gas Turbine Theory -Henry Cohen
- Aircraft Performance and Design -John D. Anderson Jr.
भारत के कुछ प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
IIT(Kharagpur, Kanpur, Mumbai,Madras)
(Website :www.iit (kgp/k/b/m) ac.in)
Indian institute of science Bengaluru
(www.iisc.ernet.in)
Academy of aerospace and aviation Indore
(Website: www.aaa.indore.com)
Hindustan College of Engineering, Bengaluru
(Website:www. hindustancollege/hce.com)
Indian institute of aeronautical engineering Dehradun
(Website: www.iiae.it.org)
Park college of Engineering Coimbatore
(Website: www pcect.ac.in)
PAME college Patiala
Phone 0175 2222900,222300, 98151-83772
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